‘नारद मोह’ के साथ शुरू हुआ धानापुर का ऐतिहासिक रामलीला
नारद मोह’ प्रसंग में दिखाया गया कि कठोर तपस्या के उपरांत ऋषि नारद भगवान शिव से विष्णु स्वरूप का वरदान प्राप्त करते हैं और अहंकार से भर जाते हैं। तभी भगवान विष्णु माया रचते हैं। मार्ग में एक सुंदरी को देखकर नारद जी विवाह की इच्छा व्यक्त करते हैं। वे विष्णु जी से वरदान माँगते हैं कि कन्या उन्हें ही पति रूप में प्राप्त हो। परंतु स्वंयवर में कन्या (जो विष्णु की माया होती है) विष्णु जी को ही वरमाला पहन
धानापुर, चंदौली

1:19 PM, Sep 16, 2025
कलाकारों की अदाकारी देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
धानापुर। कस्बे की ऐतिहासिक रामलीला का आगाज सोमवार की रात धूमधाम के साथ हुआ। पहले दिन मंचन में ‘नारद मोह’ का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। कलाकारों के संवाद, वेशभूषा और भाव-भंगिमाओं ने दर्शकों को देर रात तक बाँधे रखा।
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‘नारद मोह’ प्रसंग में दिखाया गया कि कठोर तपस्या के उपरांत ऋषि नारद भगवान शिव से विष्णु स्वरूप का वरदान प्राप्त करते हैं और अहंकार से भर जाते हैं। तभी भगवान विष्णु माया रचते हैं। मार्ग में एक सुंदरी को देखकर नारद जी विवाह की इच्छा व्यक्त करते हैं। वे विष्णु जी से वरदान माँगते हैं कि कन्या उन्हें ही पति रूप में प्राप्त हो। परंतु स्वंयवर में कन्या (जो विष्णु की माया होती है) विष्णु जी को ही वरमाला पहना देती है। इससे नारद जी क्रोधित होकर स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हैं। अंततः माया का रहस्य खुलने पर उन्हें अपने अभिमान का बोध होता है। नारद जी, विष्णु जी, शिव-पार्वती और ब्रह्मा जी की भूमिकाओं में कलाकारों की अदाकारी ने पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया। संवाद अदायगी पर दर्शक बीच-बीच में तालियाँ बजाते रहे। कलाकारों में मुख्य रूप से नारद के रूप में शिव कुमार दुबे, विष्णु अमन मिश्रा, शंकर शुभम मिश्रा, पार्वती अजय दुबे, ब्रह्मा आशुतोष मिश्रा,, इंद्र अच्युतानंद मिश्र, कामदेव घनश्याम कुशवाहा, विश्व मोहिनी शिवम श्रीवास्तव, श्रृंगी जुगनू पटेल, भृंगी जिगर, शिव बघेल, व्यास कृष्णानंद मिश्रा रहे। इस दौरान मुख्य रूप से अरुण जायसवाल, सुरेंद्र सेठ, रामलाल वर्मा, छोटू राम, वशिष्ठ दुबे आदि उपस्थित रहे। आयोजकों ने बताया कि आगामी दिनों में क्रमशः मनु-शतरूपा, रावण जन्म, राम जन्म, ताड़का वध, नगर विलोचन, धनुष यज्ञ और सीता विवाह जैसे प्रमुख प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और देर रात तक कथा का आनंद उठाते रहे।
